CNG PNG गैस की कीमतें तय करने की प्रक्रिया में बदलाव अब हर महीने तय होंगे घरेलू नेचुरल गैस के दाम । इस फैसले के लागू होने से देश में PNG की कीमतें 10% और CNG की कीमतें 6% से 9% तक कम हो जाएंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में 6 अप्रैल 2023 गुरुवार पीएम आवास पर आयोजित केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) की बैठक हुई। इस कैबिनेट बैठक ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है। इसमें सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) के दामों में राहत दी गई है। PNG पर करीब 10 फीसदी की कमी आएगी और CNG पर भी 5 से 6 रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ” मंत्रिमंडल ने गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी, सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय की। घरेलू गैस की कीमत अब अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। और घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतर्राष्ट्रीय दाम का 10% होगा. ये हर महीने तय किया जाएगा। आम घरेलू उपभोक्ता से लेकर किसानों, गाड़ी चलाने वालों सबको फायदा होगा “
किरीट पारिख समिति कि सिफारिश
पिछले साल, प्राकृतिक गैस के उचित मूल्य निर्धारण पर किरीट पारिख समिति ने सिफारिश की थी कि पुराने क्षेत्रों से कीमत भारत के कच्चे तेल की भारतीय बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत तय की जाएगी। इसके अलावा, यह कीमत $4 प्रति mBtu की न्यूनतम सीमा और $6.5 प्रति mBtu की उच्चतम सीमा भी होगी। साथ ही पारिख समिति ने गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की भी सिफारिश की है। इसमें गैस पर सामान्य कर लगाने की सिफारिश की गई है, जो तीन फीसदी से लेकर 24 फीसदी तक हो सकता है। इससे गैस बाजार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
जानिए क्या होंगे फायदे ?
सुधारों से घरों में Piped Natural Gas (PNG) और परिवहन के लिए Compressed Natural Gas (CNG) की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आएगी। सरकार ने कहा कि कम कीमतों से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को मदद मिलेगी। गैस की कीमतों में एक फ्लोर के प्रावधान और नए कुओं के लिए 20 प्रतिशत प्रीमियम के प्रावधान के साथ, यह सुधार ओएनजीसी और ओआईएल को अपस्ट्रीम क्षेत्र में अतिरिक्त दीर्घकालिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे प्राकृतिक गैस का अधिक उत्पादन होगा और इसके परिणामस्वरूप आयात में कमी आएगी।