केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सब्सिडीयुक्त ‘भारत दाल’ लॉन्च की
केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सब्सिडी वाली सस्ती चना दाल की बिक्री को लॉन्च किया।
चना भारत में सबसे अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाली दाल है और पूरे भारत में कई रूपों में इसका सेवन किया जाता है। सलाद बनाने के लिए साबुत चने को भिगोकर उबाला जाता है और भुने चने को नाश्ते के रूप में परोसा जाता है। तली हुई चना दाल का उपयोग अरहर दाल, करी और सूप के विकल्प के रूप में भी किया जा सकता है। चना बेसन नमकीन और मिठाइयों के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। चने के कई पोषण संबंधी स्वास्थ्य लाभ हैं क्योंकि यह फाइबर, आयरन, पोटेशियम, विटामिन बी, सेलेनियम बीटा कैरोटीन और कोलीन से भरपूर है जो मानव शरीर को एनीमिया, रक्त शर्करा, हड्डियों के स्वास्थ्य आदि और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।
भारत में इसी आवश्यकता को देखते हुए सब्सिडी वाली चना दाल ‘भारत दाल’ ब्रांड नाम के तहत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया ।
भारत दाल एक किलो पैक की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम और जबकि चना दाल के 30 किलो पैक की कीमत 55 रुपये प्रति किलो तय की गई है।
यह बीबी सब्सिडी वाले भारत दाल दिल्ली-एनसीआर में राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) के खुदरा आउटलेट से बेच रहे हैं। ‘भारत दाल’ की शुरूआत से सरकार अपने चना स्टॉक को चना दाल में परिवर्तित करके उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध कराके महंगाई से लड़ने के दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम है।
खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक नोट के मुताबिक, चना दाल की मिलिंग और पैकेजिंग का कार्य राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) द्वारा दिल्ली-एनसीआर इलाके में उसके अपने खुदरा दुकानों और NCCF, केंद्रीय भंडार और सफल के आउटलेट के माध्यम से वितरण के लिए की जाती है.
इस व्यवस्था के तहत, चना दाल राज्य सरकारों को उनकी कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, जेलों और उनके उपभोक्ता सहकारी दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए भी उपलब्ध कराई जाती है. चना भारत में सबसे अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाली दाल है और पूरे भारत में कई तरह से इसका सेवन किया जाता है.
इससे पहले टमाटर की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए खाद्य मंत्रालय पिछले शुक्रवार से ही NAFED और NCCF के आउटलेट्स और मोबाइल सेंटर्स की मदद से 80 रुपये प्रति किलो के सस्ते रेट पर देश के कई बड़े शहरों में उपभोक्ताओं को टमाटर उपलब्ध करा रहा है.