20% ethanol-blended Petrol: 2025 तक पूरे देश में मिलेगा 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने G 20 ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में घोषणा की के भारत ने 2023 में 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल सफलतापूर्वक लॉन्च किया है और 2025 तक पूरे देश को कवर करने का हमारा लक्ष्य है।

20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल
2025 तक पूरे देश में मिलेगा 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल

जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम करने और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को अपनाने की दिशा में भारत के बेजोड़ प्रयास में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने G 20 मीटिंग में ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की, उन्होंने कहा के देश में 2023 में 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की सफलतापूर्वक शुरुआत की गई है और 2025 तक पूरे देश में 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग का विस्तार करने का लक्ष्य है। साथ ही यह उल्लेखनीय कदम जलवायु परिवर्तन से निपटने और इस हरित पहल को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

इथेनॉल क्या एक नया और स्वच्छ जैविक इंधन है?

इथेनॉल जिसे इथाइल अल्कोहल भी कहा जाता है यह स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों के रूप में एक आशा की किरण है। यह जैविक इंधन गन्ना, मक्का, चावल, गेहूं, और बायोमास जैसे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होता है। इथेनॉल का उत्पादन शुगर के फर्मेंटेशन प्रक्रिया, यीस्ट, पेट्रोकेमिकल मेथड जैसे एथिलीन हाइड्रेशन से से किया जाता हैजिससे 99.99% स्वच्छ इथेनॉल प्राप्त होता है। इथेनॉल का उपयोग एक स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोत के रूप में पेट्रोल में मिश्रित करके किया जाता है। इथेनॉल में 8 ऑक्टेन होते हैं जिससे पेट्रोल की जलने की क्षमता बढ़ जाती है।

Ethanol Blending एक नया मार्ग।

इथेनॉल ब्लेंडिंग भारत की हरित ऊर्जा क्रांति का केंद्र है जिसका उद्देश्य आयत किये जाने वाले कच्चे तेल पर देश की निर्भरता को कम करना, कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाना और किसानों की आजीविका को बढ़ावा देना है। E10 (10% ethanol, 90% petrol) and E20 (20% ethanol, 80% petrol) जैसे इथेनॉल मिश्रण भारत को अधिक टिकाऊ ऊर्जा के भविष्य की ओर ले जाने के प्रयास को बढ़ावा देगा।

Feedstock Diversification: अधिक इथेनॉल उत्पादन का मार्ग

सदियों से भारत में इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से “C Heavy” मोलेसेस के माध्यम से होता रहा है जिससे प्रति टन मोलेसेस से 220 से 225 लीटर इथेनॉल उत्पाद प्राप्त होता है। हालांकि फीडस्टॉक विविधीकरण के माध्यम से भारत मे इथेनॉल उत्पादन क्षेत्र में एक उम्दा परिवर्तन हुआ है जिससे इथेनॉल उपज में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का रस का उपयोग करके इथेनॉल उत्पादन क्षमता और एफिसिएंसी मैं भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि भारत ने चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, क्षतिग्रस्त अनाज सहित वैकल्पिक फिडस्टॉक को अपना के नई दिशा में कदम बढ़ाया है। परिणाम स्वरूप अनाज आधारित स्रोत मोलेसेस की तुलना में उल्लेखनीय रूप से उच्च इथेनॉल उत्पादन प्रदान करते हैं। चावल की उपज से 450 से 480 लीटर और अन्य अनाज की उपज 280 से 480 लीटर प्रति टन तक इथेनॉल प्राप्त होती है।

प्राइवेट क्षेत्र के महत्व को और भूमिका को जानते हुए प्रमुख चीनी कंपनियों ने पुरे वर्ष कई वैकल्पिक फिडस्टॉक का उपयोग करने में सक्षम डिस्टलरी मैं निवेश करके इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाया है ।
सरकार की सरल मूल्य निर्धारण नीति ने वैकल्पिक फीडस्टॉक्स को अपनाने को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशिष्ट स्रोतों से उत्पादित इथेनॉल के लिए उच्च कीमतों की पेशकश करके, चीनी उत्पादन में कमी के बावजूद भी मिलों को प्रोत्साहित किया है।

Government Initiatives: हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा भारत।

भारत सरकार इथेनॉल मिश्रण और टिकाऊ ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा देकर हरित भविष्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं:

जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति 2018: यह नीति भविष्य में इन पर्यावरण-अनुकूल ईंधनों पर निर्भरता बढ़ाने के लिए इथेनॉल जैसे जैव ईंधन को बढ़ावा देने और लागू करने पर केंद्रित है।

E100 पायलट प्रोजेक्ट: सरकार कुछ क्षेत्रों में स्टैंडअलोन ईंधन के रूप में 100% इथेनॉल (E100) के उपयोग करके संभवता का परीक्षण कर रही है।

प्रधानमंत्री जी-वैन योजना 2019: इस योजना का उद्देश्य अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का समर्थन करके परिवहन क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।

प्रयुक्त खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग Repurpose Used Cooking Oil (RUCO): भारत अपशिष्ट को कम करने और हरित ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल को बायोडीजल में परिवर्तित कर रहा है।

Challenges and Benefits of Ethanol Feedstock Diversification

हालाँकि इथेनॉल फीडस्टॉक में विविधता लाने में चुनौतियाँ हैं, जैसे कि अनाज से इथेनॉल बनाने के लिए लंबी और अधिक जटिल प्रक्रियाएँ होती है, लेकिन उत्पाद में महत्वपूर्ण लाभ होता हैं। फीडस्टॉक विविधीकरण आपूर्ति और कीमतों को स्थिर करने में मदद करता है, एक ही फसल पर निर्भरता कम करता है और कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के राष्ट्रव्यापी रोलआउट के साथ, भारत स्थायी ऊर्जा समाधानों के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और अन्य देशों के लिए एक उदाहरण स्थापित करता है। यह सामूहिक प्रयास जलवायु परिवर्तन से निपट सकता है और भावी पीढ़ियों के लिए पृथ्वी की रक्षा कर सकता है।

 

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